- प्रथम अनुसूची : इसके अंतर्गत भारत के 28 राज्य तथा 7 केंद्र शासित प्रदेशो का उल्लेख किया गया है ।
- दूसरी अनुसूची : इसमें भारतीय संघ के पदाधिकारियों को मिलने वाले वेतन, भत्ते तथा पेंशन का उल्लेख है ।
- तीसरी अनुसूची : इसमें भारत के विभिन्न पदाधिकारियों की शपथ का उल्लेख है ।
- चौथी अनुसूची : इसके अंतर्गत राज्यों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण मिलता है ।
- पाँचवी अनुसूची : इसमें अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजाति के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में उल्लेख मिलता है ।
- छटवी अनुसूची : इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध हैं ।
- सातवी अनुसूची : इसके अंतर्गत केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का बटवारा किया गया है । इस अनुसूची में 3 सूचियों है :
- संघ सूची : इसके अंतर्गत 98 विषय है । इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केवल केंद्र को है ।
- राज्य सूची : इस सूची में 62 विषय है । जिन पर कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य को है| लेकिन राष्ट्रहित से सम्बन्धित मामलो में केंद्र भी कानून बना सकता है ।
- समवर्ती सूची : इसके अंतर्गत 52 विषय है । इन पर केंद्र व राज्य दोनों कानून बना सकते है । परन्तु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून मान्य होता है । राज्य द्वारा बनाया गया कनून केंद्र द्वारा बनाने के बाद समाप्त हो जाता है ।
- आठवी
अनुसूची : इसमें भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं का
उल्लेख किया गया है| मूल संविधान में 14 मान्यता प्राप्त भाषाए थी| सन 2004
में चार नई भाषाए मैथली, संथाली, डोगरी और बोडो को इसमें शामिल किया गया ।
- नौंवी अनुसूची : यह अनुसूची प्रथम संविधान संसोधन अधिनियम 1951 द्वारा
जोड़ी गयी थी । इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती
नहीं दी जा सकती । लेकिन यदि कोई विषय मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करे तो
उच्चतम न्यायालय इस कानून की समीक्षा कर सकता है । अभी तक नौंवी अनुसूची में
283 अधिनियम है, जिनमे राज्य सरकार द्वारा सम्पति अधिकरण का उल्लेख प्रमुख
है ।
- दसवी अनुसूची : इसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा मूल
संविधान में जोड़ा गया । इस अनुसूची में दल-बदल सम्बन्धित कानूनों का उल्लेख
किया गया है ।
- ग्यारहवी अनुसूची : यह अनुसूची 73वें संविधान
संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया । यह अनुसूची पंचायती
राज से सम्बन्धित है, जिसमे पंचायती राज से सम्बन्धित 29 विषय है ।
- बारहवी अनुसूची : यह अनुसूची 74वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा
मूल संविधान में जोड़ा गया । इसमें शहरी क्षेत्रों के स्थानीय स्वशासन
संस्थानों से सम्बन्धित 18 विषय है ।
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- प्रथम अनुसूची : इसके अंतर्गत भारत के 28 राज्य तथा 7 केंद्र शासित प्रदेशो का उल्लेख किया गया है ।
- दूसरी अनुसूची : इसमें भारतीय संघ के पदाधिकारियों को मिलने वाले वेतन, भत्ते तथा पेंशन का उल्लेख है ।
- तीसरी अनुसूची : इसमें भारत के विभिन्न पदाधिकारियों की शपथ का उल्लेख है ।
- चौथी अनुसूची : इसके अंतर्गत राज्यों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण मिलता है ।
- पाँचवी अनुसूची : इसमें अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजाति के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में उल्लेख मिलता है ।
- छटवी अनुसूची : इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध हैं ।
- सातवी अनुसूची : इसके अंतर्गत केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का बटवारा किया गया है । इस अनुसूची में 3 सूचियों है :
- संघ सूची : इसके अंतर्गत 98 विषय है । इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केवल केंद्र को है ।
- राज्य सूची : इस सूची में 62 विषय है । जिन पर कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य को है| लेकिन राष्ट्रहित से सम्बन्धित मामलो में केंद्र भी कानून बना सकता है ।
- समवर्ती सूची : इसके अंतर्गत 52 विषय है । इन पर केंद्र व राज्य दोनों कानून बना सकते है । परन्तु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून मान्य होता है । राज्य द्वारा बनाया गया कनून केंद्र द्वारा बनाने के बाद समाप्त हो जाता है ।
- आठवी
अनुसूची : इसमें भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं का
उल्लेख किया गया है| मूल संविधान में 14 मान्यता प्राप्त भाषाए थी| सन 2004
में चार नई भाषाए मैथली, संथाली, डोगरी और बोडो को इसमें शामिल किया गया ।
- नौंवी अनुसूची : यह अनुसूची प्रथम संविधान संसोधन अधिनियम 1951 द्वारा
जोड़ी गयी थी । इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती
नहीं दी जा सकती । लेकिन यदि कोई विषय मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करे तो
उच्चतम न्यायालय इस कानून की समीक्षा कर सकता है । अभी तक नौंवी अनुसूची में
283 अधिनियम है, जिनमे राज्य सरकार द्वारा सम्पति अधिकरण का उल्लेख प्रमुख
है ।
- दसवी अनुसूची : इसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा मूल
संविधान में जोड़ा गया । इस अनुसूची में दल-बदल सम्बन्धित कानूनों का उल्लेख
किया गया है ।
- ग्यारहवी अनुसूची : यह अनुसूची 73वें संविधान
संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया । यह अनुसूची पंचायती
राज से सम्बन्धित है, जिसमे पंचायती राज से सम्बन्धित 29 विषय है ।
- बारहवी अनुसूची : यह अनुसूची 74वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा
मूल संविधान में जोड़ा गया । इसमें शहरी क्षेत्रों के स्थानीय स्वशासन
संस्थानों से सम्बन्धित 18 विषय है ।
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About Syed Faizan Ali
Faizan is a 17 year old young guy who is blessed with the art of Blogging,He love to Blog day in and day out,He is a Website Designer and a Certified Graphics Designer.
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